जानिए क्या भूत प्रेत सच में होते है😮

भूत प्रेत की कहानियां तो आपने जरूर सुना होगा,पर क्या भूत प्रेत  सच में होते है  जब भी आप रात के समय अंधेरे में होते है, तो क्या आपको ऐसा कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आपको कोई देख रहा है ?

आज इस लेख के माध्यम से साइंस की भाषा में आपको बताने जा रहा हूं कि क्या सच में भूत होते हैं या यह सब केवल अफवाह है ?या फिर इसने केवल  हमारे दिमाग ने भ्रमित किया है,तो चलिए विस्तार से जानने की कोशिश करते है  कई  बार लोग कहते  हुए मिल जाएंगे कि यार ये सब बकवास है,भूत प्रेत  थोड़ी न होते  हैं तो उन लोगों को मैं बता दु कि आप थोड़ा गहराई से सोचिए ,और जो मैं इस लेख के माध्यम से बताने जाऊंगा उसे समजने की प्रयास जरूर कीजिएगा  


पहले मैं आपको ये बताऊंगा कि पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स क्या मानते हैं,और फिर ये बताऊंगा कि साइंस क्या मानती है ताकि वो लोग जो भूतों पर यकीन करते हैं वो भी समझ सकें और वो लोग भी समझ सकेंजो इन सब चीजों को नहीं मानते ,पहले हम बात करते हैं उन लोगों की,जो लोग भूत प्रेतों  को  मानते हैं, यानि  Paranormal Investigators, उनके हिसाब से भूत क्या होता है ?


भूत मतलब मरे हुए इंसान की वो एनर्जी  है  जो फिजिकल बॉडी खत्म होने के बाद भी इस दुनिया में रहती है,और वो  किसी परछाई  या फिर किसी अजीब शरीर  की आकार  में दिखती है,जो लोग भूतों में यकीन करते हैं,उन लोगों के हिसाब से भूत उन लोगों  की आत्मा है जिनकी कोई बहुत ही महत्वपूर्ण इच्छा  या फिर कोई काम अधूरा सा रह जाता है ,और इसी वजह से वे एकदम से बेचैन हो जाते है ,और उन्हे तबतक मुक्ति नहीं मिलती जब तक उनकी इच्छा पूरी नहीं हो जाती ,वो उन जगहों पर अक्सर दिखते हैं,जो उन्हीं से जुड़ी होती है, जैसे कोई घर, या फिर कोई विशेष जगह,कभी-कभी तो ये किसी इंसान के अंदर तक भी चली जाती है ,


भूतों के लेके एक और मान्यता ये है की अगर कोई भूत प्रेत को आपसे बाते करनी है तो वो आपके सामने आकर के बात कर सकते है ,पैरनॉर्मल इंविस्टिगेटर्स के हिसाब से, भूत प्रेतों को समय  की कोई जानकारी नहीं होता,पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि ये आत्माओं की घटनाएं अक्सर  रात में ही क्यों होती है ,ये रात मे ही आखिर क्यूं  दिखाई पड़ते है ? इसका ये जवाब बिल्कुल भी नहीं है की किसी फिल्म मे दिखाए जाने वाले डरवाना बनने के लिए रात मे आते है 



पैरनॉर्मल इंविस्टिगेटर्स  के मुताबिक भूत प्रेत रात मे अक्सर वो इसलिए आते है की रात मे वातावरण बिल्कुल शांत हो जाता है,और  Electromegnetic Disturbance भी कम होती है,शोधकर्ताओं के हिसाब से, भूतों को उनकी प्रेजेंस को बरकरार रखने के लिए एनर्जी, यानि उर्जा की जरूरत पड़ती है ,और ये अक्सर सुना  जाता है,Electromegnetic divices यानी ये उपकरण उनकी  ऊर्जा को डिस्टर्ब कर देती है ,और दिन के समय  डिस्टर्बेंस जायदा होती है और रात मे कम डिस्टर्बेंस होती है ,यही कारण है की रात मे भूतों का आना आम बात है 

अगर  अध्यामिकत  की माने तो इनके  हिसाब से भूत  प्रेत  और आत्माएं जैसे चीज़े होती है,लेकिन विज्ञान कभी इनके तक नहीं पहुच सकता है ,अध्यामिकत  के अनुसार विज्ञान भूत प्रेत से परे है | ऐसे मे कुछ लोग तो यह भी कहते है की  महान  वैज्ञानिक  einstine  ने भूतों का तब ही जिक्र कर दिया था जब उन्होंने कहा था "ऊर्जा ब्रह्मांड से कभी खत्म  नहीं होती ये बस एक जगह से दूसरे जगह जाती रहती है " अब इस थ्योरी से बहुत लोगों का यह मानना है की मरने के बाद जो शरीर की ऊर्जा होती है वो इस ब्रह्मांड मे ही रहती है .

 

और तो और thermodynamic के रुल्स भी यही कहते है की  ऊर्जा न बन सकती है और ना ही मिटाया जा सकता है ,ऊर्जा बस ट्रांसफर  होती रहती है ,मतलब यह हुआ की जब इंसान मारता है तो उसकी ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप मे बदल जाती है ,और आसपास के वातावरण मे मिल जाती है ,अगर किसी मरे हुए इंसान के शरीर को जमीन मे दफन कर दी जाएं तो वो  शरीर कुछ समय बाद मिट्टी मे घुल जाएगी फिर उसके बाद वहा पे पेड़ पौधे निकल जाएंगे और फिर उसको जानवर खा जाएंगे ,मतलब ये है की ऊर्जा बस एक जगह से दूसरे से बदला .

तो अगर आत्मा की बातें करे तो वो आखिर कहा जाती होगी जैसा की हमने कहा ऊर्जा कभी भी समाप्त नहीं होती है ,यह बस एक रूप से दूसरे रूप मे बदल जाती है ,और आत्मा भी एक तरह की एनर्जी ही है ,तो इसका साफ मतलब होता है की आत्मा कभी नहीं मरती ,भले ही इंसान की शरीर मर ही क्यूं नहीं जाती हो ,पर मई आपको बता दु की ये सब बस केवल  theory ही बातें है ,इसका कोई  proof नहीं है ,क्या आपने कभी "मृत्यु के निकट का अनुभव "के बारे में सुना है, "मृत्यु के निकट का अनुभव "किसी इंसान के लिए उसकी जिन्दगी की सबसे अजीबो गरीबों  अनुभव मे से एक है |


" मृत्यु के निकट का अनुभव " का ये मतलब हुआ की कोई इंसान मर के जी उठा हो और आपको बता दु की  दुनिया मे ऐसे बहुत सारे घटनाए घट चुकी है जो लोग ये  मरने के बाद जिंदा हो जाने का दावा करते हो ,और ऐसे इंडिया मे तो हजारों लाखों घटनाए मिल जाएंगी  जो मर के जिंदा हो चुके है,इनसे पूछे जाने पे ये लोग एक ही अनुभव शेयर करते है की मर जाने के बाद एक अजीब तरह की रौशनी दिखाई पड़ती है और फिर कैसे भी इनकी आत्मा वापस इनके शरीर मे  प्रवेश कर जाती है ,


और ये घटना बिल्कुल मर क वापस आ  जाने जैसा होता है , और इसी घटना को "मृत्यु के निकट का अनुभव" कहते है ,कई लोगों ने ऐसा घटना अनुभव करने के बाद पूछा गया तो उन्होंने ये बताया की देवदूत या परियों को देखने के जैसा उनको अनुभव हुआ था ,एक महान वैज्ञानिक ने बहुत ही कमाल का शोध किया था ,उन्होंने एक मरीज का मरने के बाद का वजन नापा  फिर मरने क बाद  उन्होंने पाया की  21 ग्राम वजन घट चुका है ,मरने क बाद शरीर का वजन  21 ग्राम कम हो जाता है ,इसका साफ यही मतलब होता है की एक आत्मा की वजन 21 ग्राम होती है ,


पर लोगों को लगा ये theory बिल्कुल भी सही नहीं है ,क्यूंकी मरने के पहले शरीर के  मेटाबॉलिज्म क्रिया होने वजह से शरीर का वजन कम हो जाता होगा ,पर अजीब बात तो ये है की इस एक्सपेरिमेंट को हर अलग-अलग मरीज पे किया गया ,और नतीजा मे ये पाया गया की हर बार ही केवल 21 ग्राम वजन कम हो रहा था ,ये सोचने वाली बात है कि  आखिर मे मरने के बाद केवल 21 ग्राम ही वजन क्यूं कम होता है 

और इसी के वजह से ये एक्सपेरिमेंट 21ग्राम के नाम से प्रसिद्ध भी हुआ,क्यूंकी इस एक्सपेरिमेंट में सच्चाई दिखती हैऔर ये इस बात को साबित भी करती है  कि  मरने के बाद कुछ तो है  जो इस शरीर को छोड़ के चला जाता है ,


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