चीन में कोरोना के वजह से कई इलाकों में इमरजेंसी घोषित, जानें सबकुछ

कोरोना वायरस का वह मंजर भला किसे  नहीं याद होगा। घरों में बंद होकर के कैसे अपना जीवन व्यतीत करने के लिए लोग मजबूर हो गए थे। यहां तक की एक दूसरे से मिलना भी मुश्किल सा हो गया था। इस कोरोना वायरस के वजह से न जाने कितने लोगों की जान चली गई। और यह सब चीन की वजह से हुई क्योंकि यह वायरस चीन में ही सबसे पहले पाया गया।


लेकिन क्या आपको पता है ? चीन ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया है। ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जी हां यह बात बिल्कुल भी सच है कि फिर से लोगों में कोरोना वायरस जैसे संक्रामक यानी (HMPV) जिसे हम (ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस )के नाम से जानते हैं लगातार तेजी से फैल रहा है।


यह संक्रमण बच्चों में काफी ज्यादा दिखाई दे रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बड़ों में यह  वायरस संक्रमित नहीं कर रहा है। बड़े ,बूढ़े और बच्चों में सभी लोगों में यह  संक्रमण पाया जा रहा है। तो  चलिए  हम हम जानने की कोशिश करते हैं इस ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस (HMPV) के बारे में कि कितना खतरनाक है ?



5 साल पहले जब चीन में कोरोना वायरस जब पूरी तरह से फैल चुका था तो दुनिया भर में तबाही मच चुकी थी। और एक बार फिर से चीन में नया वायरस फैल रहा है जिसकी वजह से पूरी दुनिया को चिंता सता रही है और गौर करने वाली बात यह है कि यह वायरस के लक्षण ज्यादातर कोरोना से ही मिलते जुलते हैं।


जैसे कि एक दूसरे से संक्रमित होना। यानी एक व्यक्ति संक्रमित है इस वायरस से तो संभव दूसरे व्यक्ति को भी इस वायरस का  संक्रमण फैल सकता है। हालांकि  यह  वायरस का नाम  ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस है। और इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में खांसी जुकाम और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण दिख रहे हैं। और ऐसे में एक बार फिर से लोगों में डर का विषय बन चुका है।


चीन का कहना है कि यह वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और  2 साल से कम उम्र वाले बच्चों को इस वायरस का खतरा ज्यादा है । यह वायरस  उन लोगों को भी सबसे ज्यादा संक्रमित कर रहा है जिनको सांस से संबंधित कोई बीमारी है। चूंकि यह वायरस संक्रामक है और एक दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल रहा है ऐसे में चीन का स्वास्थ्य विभाग ने हाई अलर्ट पर हो गया है और वायरस की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर टेस्टिंग चल रही है।



कुछ मीडिया और सोशल मीडिया के यूजर्स का दवा किया गया है कि यह वायरस चीन में इमरजेंसी जैसा हालत पैदा कर दिया है। वहां की हॉस्पिटलों में बेड पूरी तरह से फूल हो चुकी है। ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस  कितना खतरनाक है ?  क्याइस वायरस का प्रकोप पर भारत में भी फैल सकता है? ऐसे सवालों का जवाब जानने के लिए हमने भारत के एक्सपर्ट से बातचीत की है


क्या है ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस

ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस  यह  एक कोरोना वायरस के जैसा ही वायरस है। इसके लक्षण आमतौर पर सर्दी के मौसम में होते हैं हालांकि यह वायरस  लंग्स पर असर करता है। और कभी-कभी यह निमोनिया अस्थमा या कार्निक जैसे बीमारियों के मरीज के लिए खतरनाक साबित हो जाता है। अमूमन इस वायरस के लक्षण बच्चों में देखे जाते हैं।


यह कुछ मामलों में बच्चों में होने वाली आम बीमारी आरएस इन्फेक्शन जैसा ही होता है। जो बच्चों में खांसी जुकाम और बुखार जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं ,दुनिया भर के बच्चों में लगभग 10 से 12 प्रतिशत सांस की बीमारियां ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस  के कारण ही होती है। अधिकांश मामलों में हल्के और कम  लक्षण वाले ही होते हैं। लेकिन  5 से  16 प्रतिशत बच्चों में निमोनिया विकसित होने का रिस्क ज्यादा रहता है।


निमोनिया एक ऐसी खतरनाक बीमारी में से आता है यदि समय रहते काबू नहीं पाया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में अगर यह वायरस किसी बच्चों में निमोनिया करता है तो उसकी सेहत का खास ध्यान रखने की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है ।


क्या दुनिया में एक बार फिर से महामारी का दस्तक दे रहा है चीन?

दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं कि ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस कोई नहीं बीमारी नहीं है। यह वायरस दशकों  पुराना है। पहली बार इस वायरस की पहचान 2001 में की गई थी। यह वायरस आमतौर पर सभी तरह के वातावरण में मौजूद रहते हैं। आपको बता रही की दुनिया में कुछ देशों में इसके मामले पहले भी रिपोर्ट किए जाते रहे हैं।


यह वायरस 5 साल से छोटे बच्चों को ज्यादा संक्रमित करता है, और अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के ही होते हैं। तो यदि चीन में जिस तरह से हालात हो रहे हैं क्या ऐसे में भारत को पैनिक होने की जरूरत नहीं है?तो इस सवाल के जवाब में डॉक्टर कहते हैं कि इस वायरस का संक्रामकता दर भले ही ज्यादा हो, लेकिन यह ज्यादा घातक नहीं होता है। अधिकतर इस वायरस का मामला बच्चों में सामान्य सर्दी खांसी के लक्षण होते हैं।


कुछ मामलों में यह वायरस सांस की बीमारी के कारण भी हो सकता है। या फिर निमोनिया के वजह से भी। लेकिन फिलहाल यह जरूरी है कि हो चीन में फैल रहा है इस को  WHO वायरस को गंभीरता से ले और यदि केस  ज्यादा आ रहे हैं तो इस बात का दिशा निर्देश भी जारी करें


क्या इस वायरस का कोई इलाज नहीं है?

आपको बता दे की ऐसी कोई भी एंटीवायरस दवा अभी तक नहीं है जो इस वायरस को पूरी तरह से खत्म कर दे। अधिकांश लोगों में इस इस वायरस का इलाज लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है।


यदि आपका बच्चा गंभीर रूप से बीमार है तो आपको अस्पतालों में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है। डॉक्टर ऑक्सीजन थेरेपी और लंग्स इन्फेक्शन से बचाव वाली दावों से ट्रीटमेंट करते हैं। इस वायरस के लिए अभी तक कोई भी एंटीबायोटिक दवा बाजार में नहीं आई है।


इस वायरस से बचाव कैसे किया जा सकता है

जिस प्रकार हम कोरोनावायरस से अपना बचाव करने के लिए हाथ को साबुन और पानी से धोते थे ठीक उसी तरह हम इस वायरस से बचने के लिए भी हाथों को साबुन और पानी से धोना पड़ेगा। जब आप छिकते  है या  खासते  हैं तो अपनी नाक और मुंह को ढक ले।


आप अन्य संक्रमित बीमारी वाले व्यक्तियों से थोड़ी दूरी बनाकर रहे। और यदि आप बीमार है तो दूसरे के आसपास से रहने से नहीं बच सकते हैं तो कम से कम मास्क लगा ले। क्योंकि यह वायरस तेजी से दूसरे लोगों को संक्रमित कर देता है। इसीलिए कोशिश यही होनी चाहिए कि आप  सुरक्षित रहें स्वस्थ रहें और अपना ध्यान रखें और दूसरों का भी ख्याल रखें।

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